ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलू हार मानने लगे हैं मेरे जबरे पन से डर कर अपनी आँख चुराने लगे ज़िन्दगी के नकारात्मक पहलू हार मानने लगे हैं मेरे जबरे पन से डर कर अपनी आँख च...
फूलों की माला लाओ, रोली-चावल, चंदन लाओ. फूलों की माला लाओ, रोली-चावल, चंदन लाओ.
जल नहीं तो इसके बिना कोई विकल्प नहीं ! जल नहीं तो इसके बिना कोई विकल्प नहीं !
फिर भी बात मेरी समझ में ना आई गलती कहां मैं कर गई। फिर भी बात मेरी समझ में ना आई गलती कहां मैं कर गई।
गुज़र रहा वक़्त सभी वक़्त पर है गुज़र जाने दे वक़्त सभी वक़्त का. गुज़र रहा वक़्त सभी वक़्त पर है गुज़र जाने दे वक़्त सभी वक़्त का.
बैठती हूँ एक कोठरी में लेकर कागज़ कलम, लिखती हूँ, मिटाती हूँ, कुछ सच, कुछ वहम। बैठती हूँ एक कोठरी में लेकर कागज़ कलम, लिखती हूँ, मिटाती हूँ, कुछ सच, कुछ वहम।